लाखों के फोन की जांच में नया खुलासा हुआ है पुलिस द्वारा जब्त फोन महाराष्ट्र गुजरात मप्र उप्र से लूटे गए थे क्राइम ब्रांच सरगना जितेंद्र उर्फ जानी की सरगर्मी से तलाश कर रही है क्राइम ब्रांच ने जानी पर लूट और चोरी की धारा बढ़ा दी है आइएमईआइ नंबर के आधार पर उन लोगों से संपर्क कर रहे हैं जिनके साथ घटनाएं हुई हैं यह भी पढ़ें चार राज्यों के लुटेरों से खरीदे थे मोबाइल सरगना के नेपाल भागने का शक चार राज्यों के लुटेरों से खरीदे थे मोबाइल सरगना के नेपाल भागने का शक
ब्रांच एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया के मुताबिक खातीवाला टैंक निवासी जितेंद्र उर्फ जानी वासवानी के खिलाफ पिछले महीने केस दर्ज हुआ था पुलिस ने संभावित ठिकानों पर छापे मारे लेकिन वह फोन बंद कर फरार हो गया पुलिस ने उन मोबाइल की तकनीकी जांच की जो पुलिस द्वारा जब्ती में लिए थे इस दौरान पता चला कि ज्यादातर फोन लूटे और चुराए गए हैं उनकी महाराष्ट्र गुजरात उप्र मप्र के विभिन्न थानों में एफआइआर भी दर्ज
एडीसीपी के मुताबिक इंदौर के दो फरियादियों ने संपर्क कर कथन भी दर्ज करवा दिए हैं इसके बाद पुलिस ने जानी के खिलाफ लूट और चोरी का सामान खरीदने की धारा बढ़ा दी है पुलिस के मुताबिक जानी पर नेपाल भागने का शक है वह चोरी के फोन बेचने के लिए नेपाल जाता रहा
देपालपुर तहसील के गौतमपुरा में पारम्परिक हिंगोट युद्ध का समापन हुआ। युद्ध में गौतमपुरा और रुणजी दलों के योद्धाओं ने एक दूसरे पर अग्निबाणों की तरह हिंगोट से हमला किया
युद्ध को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग गौतमपुरा पहुंचे। उनकी सुरक्षा के लिए जाली लगाई गई थी। युद्ध में दोनों दलों के 15 योद्धा घायल हुए। सभी को प्राथमिक उपचार दे कर घर भेजा गया
बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म और मोहल्ले पर कब्जा करना चाहते थे उपद्रवी, FIR में बड़ी साजिश का बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म और मोहल्ले पर कब्जा करना चाहते थे उपद्रवी, FIR में बड़ी साजिश का खुलासा इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिसबल, अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी, एम्बुलेंस, फायरब्रिगेड और चिकित्सकों की टीम भी मौजूद रही
युद्ध की वर्षों पुरानी परंपरा निभाने के लिए इस बार भी गौतमपुरा के दोनों दलों के योद्धा तैयार हुए। विश्व प्रसिद्ध हिंगोट युद्ध के लिए प्रशासन भी तैयारी में जुटा था। साथ ही युद्ध में शस्त्रों की तरह उपयोग होने वाले हिंगोट का भी ढेर लग गया था
को गौतमपुरा नगर के रलायता रोड स्थित खारचा क्षेत्र में गौतमपुरा और रुणजी के तुर्रा और कलंगी दलों के बीच में युद्ध हुआ। हर बार की तरह इस वर्ष भी बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा
इसमें सुरक्षा के लिए और दर्शकों की व्यवस्था संभालने के लिए 200 से अधिक पुलिसकर्मी, युद्ध में घायल होने वाले योद्धाओं के लिए एंबुलेंस और चिकित्सकों की टीम भी मौजूद रह
वहीं आगजनी की घटना से बचाव के लिए फायर ब्रिगेड, फायर एक्सटिंग्यूशर और रेती सहित अन्य संसाधन भी रहे